Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-includes/formatting.php on line 4705
ब्रेकिंग न्यूज़

मोबाइल गेम और ऑनलाइन सट्टा बना बना रहा है लोगों को मानसिक रोगी


Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-includes/formatting.php on line 4705

अयोध्या। क्रिकेट का महाकुंभ आईपीएल और मोबाइल पर चलने वाले ऑनलाइन गेम्स अब केवल मनोरंजन नहीं, मानसिक विकृति का नया कारण बनते जा रहे हैं। जिला अस्पताल के आंकड़े बता रहे हैं कि जहां पहले क्रिकेट बॉल से हेलमेट टूटता था, अब मोबाइल स्क्रीन से दिमाग फट रहा है। सट्टेबाजी और गेमिंग की लत अब युवाओं को मानसिक अस्पताल पहुंचा रही है, और यह ट्रेंड दिन-प्रतिदिन और भी खतरनाक होता जा रहा है।

डॉ. आलोक मनदर्शन, मनोपरामर्शदाता, जिला अस्पताल अयोध्या के अनुसार, इस साल आईपीएल के दौरान सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेमिंग की वजह से मानसिक अवसाद से ग्रसित मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लड़कियों की भागीदारी भी अब इसमें तेजी से बढ़ी है। लगभग 20% मरीज अब किशोरियाँ और युवतियाँ हैं, जो ऑनलाइन रमी, फ्री फायर, पबजी और क्रिकेट सट्टेबाज़ी के फेर में मानसिक संतुलन खो चुकी हैं। अस्पताल के अनुसार, प्रतिदिन 4 से 5 युवा मानसिक विभाग में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जबकि पिछले साल यह संख्या 2 से 3 थी। अब तक लगभग 60 केस सामने आ चुके हैं, और यह सिर्फ उन्हीं मामलों की संख्या है जो अस्पताल तक पहुंचे हैं।

इन युवाओं में सामान्य लक्षण हैं—नींद न आना, चिड़चिड़ापन, लगातार हारने का पछतावा, आत्मग्लानि, सामाजिक दूरी और आत्महत्या तक का विचार। कई तो मोबाइल से चिपके-चिपके ऐसा जूझते हैं मानो गेम में हार नहीं, ज़िंदगी हार गए हों।

डॉ. आलोक चेतावनी देते हैं कि सट्टेबाजी और ऑनलाइन गेम मनोरंजन नहीं, मानसिक रोग की सीढ़ी बन चुके हैं। इसे मनोरंजन समझना उतना ही खतरनाक है जितना आग को दीया समझ लेना। कम्पल्सिव गैम्बलिंग यानी बाध्यकारी सट्टेबाजी अब एक पहचान योग्य मनोरोग बन चुका है, और इससे निकलने के लिए परिवार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है।

उनका कहना है कि माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के मोबाइल पर निगरानी रखें, ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स को पासवर्ड से सुरक्षित करें और बच्चों में व्यवहारिक बदलाव दिखे तो संकोच छोड़कर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें। बच्चों को खेल के मैदान से जोड़ें, स्क्रीन से नहीं। अगर बच्चा चुप है, ज़्यादा गुस्सा करता है या पढ़ाई से दूर हो रहा है तो यह कोई फेज नहीं, एक संकेत है — और इसे नजरअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है।

यह खेल अब मैदान पर नहीं, दिमाग के भीतर खेला जा रहा है। जीतने की फैंटेसी में युवा सब कुछ हार रहे हैं—पैसा, मानसिक स्वास्थ्य और कई बार जीवन भी। मोबाइल की स्क्रीन अब युवाओं की ‘माइंड ब्लास्टिंग’ कर रही है। जो खेल कभी जीवन का आनंद हुआ करता था, वह अब कई घरों में मातम की वजह बन रहा है।

डॉ. आलोक मनदर्शन की दो टूक चेतावनी है—”जो जितना गहराई में डूबेगा, वह उतना ही अपने जीवन से कटता चला जाएगा। परिवार ही है जो समय रहते बच्चे को इस आभासी दलदल से बाहर निकाल सकता है।”

BJS India News


Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-includes/formatting.php on line 4705

Deprecated: preg_split(): Passing null to parameter #3 ($limit) of type int is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/post-functions.php on line 805

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/cvlvfdvzkolf/public_html/bjsindianews.in/wp-includes/formatting.php on line 4705

Related Articles

Back to top button